यह मामला अमरावती के चांदूर रेलवे सिटी में विदर्भ यूथ वेल्फ़ेयर सोसाइटी की ओर से चलाए जाने वाले विमेन्स आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज का है.
अध्यापकों ने छात्राओं से शपथ लेने को कहा कि वे कभी ऐसे शख़्स से शादी नहीं करेंगी जो दहेज मांगेगा और आने वाली पीढ़ियों को भी दहेज का लेन-देन रोकने के लिए जागरूक करेंगी.
मगर इसके अलावा शपथ में प्यार न करने और लव मैरिज न करने जैसी बातें भी शामिल थीं.
छात्राओं की प्रतिज्ञा में ये बातें शामिल थीं- "मैं शपथ लेती हूं कि मुझे अपने माता-पिता पर पूरा भरोसा है. इसलिए, अपने आसपास हो रहे घटनाक्रम को देखते हुए कभी प्यार नहीं करूंगी और न ही प्रेम-विवाह करूंगी. साथ ही, मैं दहेज मांगने वाले शख़्स से शादी नहीं करूंगी. अगर वर्तमान सामाजिक हालात के आगे विवश होकर मेरे माता-पिता दहेज देकर मेरी शादी करते हैं तो जब मैं मां बनूंगी, तब अपनी बहू से दहेज नहीं मांगूंगी. साथ ही, अपनी बेटी की शादी में भी दहेज नहीं दूंगी. मैं सशक्त भारत और स्वस्थ समाज के लिए अपने सामाजिक दायित्व के तौर पर यह शपथ लेती हूं."