केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि एससी/एसटी समुदायों को नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को दुरुस्त करने को सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए।
सरकार को इस तरह के सभी मुद्दों को संविधान की नौवीं सूची में डाल देना चाहिए ताकि उन्हें न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर रखा जा सके। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार कर रही है और कानूनी राय ली जा रही है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान ने शुक्रवार को कहा, हमारे पास पुनर्विचार याचिका दायर करने का विकल्प है, लेकिन मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। लिहाजा देखना होगा कि यह सफल होता है या नहीं।
इसलिए मेरे विचार में सबसे आसान तरीका है कि इस मुद्दे पर अध्यादेश लाया जाए और संविधान में संशोधन किया जाए। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौकरियों में आरक्षण देना राज्य सरकारों पर निर्भर है और यह मौलिक अधिकार नहीं है।
यह सभी संविधान का हिस्सा हैं और लोगों आपत्ति है कि यह फैसला एससी और एसटी के हितों के खिलाफ है। लिहाजा शीर्ष अदालत के आदेश में सुधार के लिए अध्यादेश लाना चाहिए और संविधान संशोधन किया जाना चाहिए।
70 सांसदों ने सरकार से की मांग
राहुल ने मुद्दे का राजनीतिकरण किया
राहुल को बताना चाहिए कि संसद के सेंट्रल हॉल में एक ही परिवार के कई लोगों की तस्वीरें लगाई गईं, लेकिन अंबेडकर की तस्वीर वीपी सिंह की सरकार बनने के बाद वहां लगी। ऐसा क्यों हुआ।