ग्वालियर। नाबालिग भतीजी को ग्वालियर से ले जाकर करौली, राजस्थान में बेचने वाले गिरोह का पहला पार्ट पकड गया है। सौदेबाजी का मास्टरमाइंड हलवाई है उनकी प्लानिंग पर नाबालिग की चाची उसे बहला कर घर से ले गई थी। करीब तीन महीने तक माता पिता बेटी की तलाश में भटकते रहे।
राजस्थान में उसे बेचे जाने का पता चला तो पुलिस को साथ ले जाकर लडकी को खरीदार के शिकंजे से निकाला। सोमवार रात को पुलिस लडकी का सौदा करने वाली चाची और हलवाई को उठा लाई है। गिरोह का एक मेंबर अभी पकड के बाहर है।
पुलिस ने बताया सागरताल के पास सरकारी मल्टी में रहने वाली १५ साल की लडक़ी को करौली राजस्थान में बेचा गया था। लडकी २८ सितंबर से लापता थी। उसे बेचने में गणेश शर्मा निवासी गोल पहाडिया और ऊषा यादव निवासी नागपुर हाल थाटीपुर पकडी गई हैं। गणेश शर्मा हलवाई का धंधा करता है।
ठेके पर पूडी बेलने वाली महिलाओं के जरिए उसका संपर्क ऊषा से हुआ था। उसने ही ऊषा को बताया कि करौली राजस्थान में लडकी खरीदने वाला उसके संपर्क में है। खरीदार अच्छा पैसा देने के लिए तैयार है।
गणेश की प्लानिंग पर ऊषा ने भतीजी को बहाने से बुलाया फिर गिरोह उसे गुमराह कर खरीदार के ठिकाने पर ले गया। वहां एक लाख में उसका सौदा कर दिया। करीब तीन महीने तक लडकी खरीदार के शिकंजे में रही। सोमवार को गणेश और ऊषा पकडे गए गिरोह के एक मेंबर को पुलिस तलाश रही थी।