कश्मीरी पंडितों पर बनी फ़िल्म शिकारा से ख़फ़ा है लोग क्यों आप भी जाने ?

मिस्टर विधु विनोद चोपड़ा. नरसंहार के दो पक्ष कभी नहीं होते. एक समुदाय की ज़िंदगियां ख़त्म हो गईं, घर ख़त्म हो गए और अब भी वो इस उबर नहीं पाया है. दूसरे पक्ष ने इन सबको अंजाम दिया. इसे नकारना सभी पीड़ितों के साथ नैतिक अपराध करने जैसा है और उम्मीद है कि जल्दी ही ये क़ानून की नज़रों में भी अपराध बन जाएगा.''शिकारा फ़िल्म देखने के बाद एक ट्विटर यूज़न ने यह पोस्ट लिखी है. सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से #BoycottShikara ट्रेंड भी नज़र आ रहा हैजब पहली बार ख़बर आई कि विधु विनोद चोपड़ा कश्मीरी पंडितों के पलायन पर फ़िल्म बनाने जा रहे हैं तो सोशल मीडिया में काफ़ी उत्साह देखा गया. फ़िल्म के पोस्टर और पहली ट्रेलर रिलीज़ होने तक सब कुछ ठीक था । लोग उम्मीद जता रहा थे कि उन्हें किसी बॉलीवुड फ़िल्म से कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के बारे में जानने को मिलेगा. मगर फ़िल्म का दूसरा पोस्टर और ट्रेलर आते-आते विवाद बढ़ने लगा।वि की पहली वजह बना फ़िल्म के पोस्टर पर लिखी टैगलाइन का बदला जाना. पहले पोस्टर पर लिखा गया था: The Untold Story of Kashmiri Pundits (कश्मीरी पंडितों की अनकही कहानी).