जाखड़ बोले- थर्मल प्लांटों के समझौते करेंगे रद्द, सुखबीर का पलवार, संदेह है तो कैंसिल करे

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व सांसद सुनील जाखड़ ने लोगों को राख फैलाकर बीमारियां बांटते बनावाली थर्मल प्लांट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को थर्मल के प्रदूषण से प्रभावित गांव रायपुर का दौरा करने और लोगों व किसानों की मुश्किलों सुनने पहुंचे जाखड़ ने कहा कि पंजाब के लोगों को महंगी बिजली देने का समझौता बड़ी कंपनियों के साथ सुखबीर सिंह बादल ने किया लेकिन अब कैप्टन सरकार इन समझौतों को रद्द करेगी। 

उन्होंने कहा कि वह यहां से लौटकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे। थर्मल प्लांटों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गांव रायपुर में एक मंच लगाकर लोगों की मुश्किलें भी सुनीं। सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब में पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के समय गिद्दड़बाहा और दयालपुरा में बनने वाले थर्मल प्लांट के समझौते रद्द किए गए थे। 

अब बनावाली थर्मल प्लांट का समझौता भी रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली अकाली सरकार ने थर्मल प्लांट का जो समझौता किया उसके अंतर्गत पंजाब सरकार को अब 4600 करोड़ रुपये का वार्षिक भुगतान करना पड़ता है, जिसके तहत लोगों को महंगी बिजली मिलती है। 

यह समझौता रद्द होगा तो यही पैसा पंजाबी प्रगति व विकास पर खर्च किया जा सकेगा। कहा कि यह समझौते पंजाब के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं, जिनको तोड़ने के बाद सरकार नेशनल ग्रिड से बिजली लेकर लोगों को सस्ते रेट में देगी। जाखड़ ने बनावाली थर्मल प्लांट से खेतों में गिरती राख पर कहा कि इस राख से क्षेत्र में कैंसर, चर्म रोग और दमा के अलावा पशुओं में भी खतरनाक बीमारियां फैल चुकी है। जाखड़ ने कहा कि इससे पहले इस कंपनी के तमिलनाडु और ओडिशा में लगने वाले थर्मल प्लांटों को लोगों ने विरोध करके बंद करवाया और अब यहां के लोगों को भी सरकार का साथ देना पड़ेगा।


उन्होंने कहा कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर कहा था कि यह थर्मल प्लांट बड़े स्तर पर प्रदूषण फैला रहे हैं, जिससे लोगों की जान को खतरा है, इसलिए यह प्लांट बंद होने चाहिए। 2015 में प्रदूषण का मुद्दा उठा था लेकिन बाद में प्रदूषण फैलने के पीछे पराली का धुआं बताकर इसका ठीकरा किसानों के सिर फोड़ दिया गया। 

बिजली समझौतों पर संदेह है तो कांग्रेस कैंसिल कर दे: सुखबीर
उधर बठिंडा के गांव कोटशमीर में सुखबीर बादल ने प्रदेश सरकार पर पलटवार किया। बिजली समझौतों पर सुखबीर बादल ने कहा कि इस संबंध में जो भी एग्रीमेंट था वह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय तैयार किया गया था। इस बारे में कांग्रेस अपने बडे़ नेताओं से सीधे बात करे न कि शिअद के खिलाफ झूठी बयानबाजी करे। बादल ने कहा कि अगर कांग्रेस को बिजली एग्रीमेंट पर कोई संदेह है तो वो रद्द कर दे।

वहीं दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा के साथ पैदा हुए मतभेद पर सुखबीर ने कहा कि शिअद ने भाजपा के साथ बैठकर मतभेद दूर करने के बाद दिल्ली में भाजपा का समर्थन भी किया। एग्जिट पोल पर सुखबीर ने कहा कि कई बार एग्जिट पोल फेल हो जाते हैं। दो दिन बाद नतीजे आएंगे, उसका इंतजार करना चाहिए। 

'ढींढसा की रैली से शिअद को कोई फर्क नहीं पड़ता'
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 23 फरवरी को सुखदेव सिंह ढींढसा की संगरूर में होने वाली रैली से अकाली दल को कोई फर्क नहीं पड़ता। रैली करना सभी का अधिकार है। कैप्टन सरकार को आडे़ हाथ लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि यह सरकार जनता से झूठे वादे करके सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि अकाली दल की सरकार के समय पंजाब में प्रति यूनिट पांच रुपये बिजली दी जा रही थी लेकिन कैप्टन सरकार ने बिजली दरें बढ़ाकर लोगों पर बोझ डाल दिया है।