बजट सत्र: डॉक्टरों की अनिवार्य नौकरी, उद्योगों में 75 फीसद कोटे का बिल लाने की तैयारी


हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में इस बार दो महत्वपूर्ण बिल सरकार सदन में पेश कर सकती है। इसकी तैयारियां की जा रही है। अभी ये दोनों बिल मंथन मोड में है। इस पर अभी आला अफसरों, सीएम, डिप्टी सीएम व अन्य मंत्रियों के बीच चर्चा भी होनी है। इन बिलों में डॉक्टरों की अनिवार्य नौकरी व उद्योगों में हरियाणवियों के लिए 75 फीसट कोटा तय करना शामिल हैं।

बताते चलें कि सरकार इन दोनों मसलों पर गंभीर हैं और जनहित में ही इन दोनों बिलों को सदन में लाकर पास करवाने की तैयारी में है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि हरियाणा के सरकारी कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को लेकर सरकार इस बार सदन में बिल पेश करने की तैयारी कर रही है। जिसके बाद एमबीबीएस करने वालों को प्रदेश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कम से कम एक या फिर दो वर्ष नौकरी करना अनिवार्य होगा। 

विज ने बताया कि ये बिल डॉक्टरों की कमी को पूरी करने के इरादे से लाया जा रहा है। उनके अनुसार आज भी प्रदेश में डॉक्टरों के कई पद खाली है, इस व्यवस्था से काफी हद तक सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी।


औद्योगिक नौकरियों में 75 फीसद कोटे का बिल



उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरी देने हेतू बिल का मसौदा तैयार किया गया है, जिसे आगामी विधानसभा सत्र के प्रथम सप्ताह में रखने का प्रयास किया जाएगा। इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि 50 हजार रुपए प्रति माह से कम वेतनमान की निजी क्षेत्र में सभी नौकरियों के रोजगार का हक हरियाणावासियों को देंगे। 

आज के बाद कांट्रैक्ट साइन मामलों को छोड़कर एडहॉक आधार पर रोजगार के मामलों में 6 माह में परिवर्तन करने का प्रावधान बिल में किया गया है। भविष्य में निजी औद्योगिक क्षेत्र में दिए जाने वाले रोजगार में 75 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।

ईंट भट्ठा क्षेत्र में श्रम आयुक्त को छूट का अधिकार दिया गया है, जहां पर प्रदेश का अकुशल एवं कुशल मजदूर कार्य नहीं करता है। प्रदेश में फूड एवं बिवरेज तथा रेस्टोरेंट व्यवसाय के उच्च कोटी के प्रशिक्षण संस्थान हैं। इस क्षेत्र में प्रदेश के प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिलवाने के प्रयास करेंगे।