उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में कुछ लोगों ने सामाजिक बहिष्कार को ख़त्म करने के बदले एक दंपती को गोबर खाने और गोमूत्र पीने का फ़रमान सुनाया है.
ऐसा न कर पाने पर पाँच लाख रुपए का अर्थदंड देने का आदेश दिया है. हालांकि, पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर पंचों को हिदायत दी है और छह लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की है. लोगों की नज़र में दंपती का अपराध यह है कि उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है.
मामला झांसी ज़िले के प्रेमनगर इलाक़े के ग्वालटोली का है. यहां के रहने वाले भूपेश यादव ने क़रीब पांच साल पहले आस्था जैन से अंतरजातीय विवाह किया था.
भूपेश यादव ने बीबीसी को बताया कि यह शादी दोनों ही परिवारों की रज़ामंदी से हुई थी लेकिन समाज के लोगों को यह पसंद नहीं थी, इसलिए उन्हें समाज से बाहर कर दिया गया.
भूपेश यादव के मुताबिक़, "समाज से बहिष्कृत करने के अलावा हमारे पिताजी को धमकियां भी दी जाती थीं. पिछले साल बहन की शादी हुई तो उसमें समाज का कोई व्यक्ति नहीं आया. अब पंचायत में ये फ़ैसला सुनाया गया है कि समाज से बहिष्कार का फ़ैसला इस शर्त पर वापस हो सकता है कि मेरी पत्नी को गोबर खाना पड़ेगा और गोमूत्र पीना पड़ेगा. ऐसा न करने पर पाँच लाख रुपए देने पड़ेंगे. हमने पंचायत की शर्त को मानने से इनकार कर दिया."